शुक्रवार, 7 अक्तूबर 2011

ईस विडियो के खिलाफ मेरा निवेदन



  • ·         पाकिस्तानी सीर्फ हिन्दुस्तान पर फतेह करने की बाते करते है। यह लोग सीर्फ हिन्दुओ पर जुर्म करते है। साफ दिखायी दे रहा है कि इन लोगो का ईरादा सीर्फ हिन्दुओ को मुसलमान बनाने का है।
  • ·         हिन्दु धर्मग्रंथो के अनुसार कल्कि अवतार ब्राह्मण के घर जन्म लेनेवाले है और वो भी देढ सो साल के बाद, ना की अभी और अरबस्तान में
  • ·         पाकिस्तान मुहम्मद अलि जिन्हा ने अलग करवाया था और मरने से पहले उनको भी ईस बात पर पछतावा हुआ था।
  • ·         यदी संसार के सभी संप्रदाय खुद को शांति का संप्रदाय बताकर सभी लोगो को खुद में शामिल होने का निमंत्रण देते रहेंगे, तो संसार में शांति होना बिलकुल असंभव है।
  • ·         यद्यपि आज का हिन्दु धर्म और प्राचिनतम सनातन धर्म भी एक दुजे से भीन्न है। सनातन धर्म ने हंमेशा सभी सजीवो से शांति और अपनापन रखने का संदेश दिया है।
  • ·         ईधर फकीरजी ने कहा है, ५००० साल के बाद वर्णसंकर हो जायेगा। अभी वर्णसंकर होने में बहुत समय बाकी है, ईसका प्रमाण है की महाभारत का युद्ध होने के बाद युगाब्द नामका कॅलेन्डर शुरू हुआ था। निर्देशो के अनुसार महाभारत के युद्ध के २०० से ३०० साल बाद कलयुग शुरू हुआ था। अर्जुन और सुभद्रा का बेटा अभिमन्यु था। अभिमन्यु और उत्तरा का बेटा परिक्षीत जब २५० साल का हुआ तब से कलयुग का आरंभ हुआ। यद्यपि तब द्वापर युग में लोग १००० साल जिंदा रहते थे। अभी युगाब्द केलेन्डर में २०वी सदी के अंत में सीर्फ ५१०० साल ही हुए है।
  • ·         हजारो साल से ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य एवं क्षुद्र जन्म के आधार पर बंट गये है, जब की पहले यह कर्म के आधार पर हुआ करता था। किसी भी मनुष्य का कर्म उसके कुल या जन्म पर निर्भर नहीं करता। “तुंडे तुंडे मतिर्भिन्नाः” सब के सोचने तरीके अलग अलग होते है। हर इन्सान जन्म से क्षुद्र होता है। यज्ञोपवित संस्कार के बाद वह शिक्षा अर्जित करने जाता है, तब ब्राह्मण कहलाता है। वापस घर आने पर उसके कर्म के आधार पर अध्यापन करे तो ब्राहमण, राजा या सैनिक बने तो क्षत्रीय, व्यापार करे तो वैश्य और सेवा करे तो क्षुद्र कहलाता है। वर्तमान समय के अनुसार जन्म से शिक्षा के लिए स्कुल में दाखिल होने तक क्षुद्र, विद्यार्थी हो तब तक ब्राह्मण, फिर केटेगरी के अनुसार वह कुछ और कहलाता है। यह व्यवस्था सभी धर्म पर समान तरीके से लागु होती है।
वर्तमान केटेगरी
ब्राह्मण
विद्यार्थी, पंडित, शिक्षक, अध्यापक आदी
क्षत्रीय
सैनिक, फौजी, पुलिस, राजनेता, मिडीया आदी
वैश्य
विक्रेता, एन्जीनिअर, डोक्टर, वकिल आदी
क्षुद्र
कम्पाउन्डर, कोन्ट्राक्टर, वर्कर, ड्राईवर आदी
      सीधी बात है की किसी भी एक घर में सबकी केटेगरी अलग अलग हो सकती है।

  • ·         कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, और हंमेशा रहेगा। अयोध्या राम जन्मभूमि है, और हंमेशा रहेगी। और दुसरी बात सनातन धर्म कभी निर्दोष लोगो पर जलील करने के लिए अनुमति नहीं देता। जो दंगे करते है, वह सच्चे हिंदु नहीं है। गुजरात दंगो के समय नरेन्द्र मोदीजी ने कहा था, “किसी भी सभ्य समाज को ऐसी घटनाए शोभा नहीं देती।“
  • ·         ईस विडियो में कई जगह देखा की हिंदु धर्मग्रंथो की बाते गलत तरीके से पेश की गई है। पहले भी यह लोग कुरान का गलत मतलब निकालकर लोगो को गुमराह कर चुके है।
  • ·         यह लोग जो बोल रहे है, की पंडित धर्मग्रंथो का गलत मतलब निकालकर लोगो को सुना रहे है, यह बात सही थी, अभी सही नहीं है। मध्यकालिन पंडितो की बजह से भारत में हिन्दु कम हो गये। यह लोग भुतकाल में हो चुकी बाते वर्तमान से जोडकर सुना रहे है। आज के ब्राह्मण सभी कर्मकांड अच्छी तरह करते है। वह सब कुछ अच्छी तरह समजते है।
  • ·         फकीरजी कहते है, की सारी ईन्सानियत एक ही जात ईस्लाम पर एक हो सकती है। यदी सारे धर्म ऐसा कहने लगे की हमारे ही धर्म पर सारी पृथ्वी एक हो सकती है, तो यह मानवीय एकता के लिए खतरनाक बात साबित होगा। ईससे जगडे-दंगे कम नहीं होगे, बल्की और भी ज्यादा भयानक बनेंगे।
  • ·         धर्म कोई रस्म, रिवाज या कर्मकांड नहीं है और किसी की गुलामी भी नहीं है। संस्कृत में धर्म का मतलब Religion नहीं होता, अपितु Duty होता है। धर्म ईन्सान को ईस पृथ्वी पर दुसरे जीवो और प्रकृति के साथ फर्ज से अवगत्‌ करवाता है। आप किसी भी धर्म की उपासना करे, आप को ईश्वर का वास हर जीव के अंदर दिखना चाहिए। आत्मा ही परमात्मा है। ईश्वर हमारा दोस्त है, मालिक नहीं। हर जीवो की ईबादत होनी चाहिए। क्योंकी सब में ईश्वर का वास है।
  • ·         समुचे विश्व में हिन्दु सभ्यता सबसे ज्यादा संवेदना से भरी सभ्यता है। किसी भी जीव की आखरी सांस होने पर सीर्फ दो सेकन्ड मौन करना काफी होता है। “Sorry” शब्द अंग्रेजो ने लाया है, किसी की गलती होने पर मुंह से sorry निकलना और दील से sorry निकलना अलग बात होती है।
  • ·         ईस विडियो में बात बात पर कल्की अवतार, वर्णसंकर और श्लोक सुनाकर लोगो को बहकाने का प्रयास किया जा रहा है।
  • ·         हिन्दु धर्म का मानना है, इतने मीठे मत बनो की लोग तुम्हे चबा जाए, ईतने कडवे भी मत बनो की लोग तुम्हे थूंक दे। ईसलिए भारत में अग्नि, पृथ्वी जैसी मिसाईल्स है। हम किसी पे बिना बजह के हमला करना नहीं चाहते, अपितु हमारा बचाव किसी भी ताकत के सामने तैयार है।
  • ·         तिलक सर को हंमेशा आनंद देने और बुरे विचारो से बचाने का वैज्ञानिक तरिका है। तिलक के लिए सीर्फ कुमकुम, चंदन आदी द्रव्यो का प्रयोग किया जाता है। जो फायदेमंद होते है, तिलक के पीछे सीर्फ विज्ञान है।
  • ·         “यदा यदा ही धर्मस्य” ईतने सरल श्लोक का गलत मतलब निकाला गया है। भारत में ज्यादातर हिन्दु ईसका मतलब जानते है, ईससे आसानी से साबित होता है की, यह गलत चीज पढा कर हम सबको गुमराह करने की कोशीश है।
  • ·         यदी ईनकी कल्की अवतार के बारे में बात सत्य है, तो निःसंदेह १४ साल पहले वहां जन्मे कल्की हमारा साथ अवश्य देंगे। लेकिन ईसके लिए ईस्लाम का स्विकार करने की कोई जरूरत नहीं है।
  • ·         ईश्वर अति दयालु होता है। आखीर में ऐसा कहा की गरदने तूट जाएगी, वह बिलकुल गलत बात है। मैने पहले भी कहा था की “ईश्वर अपना दोस्त है।“ सच्ची दोस्ती में कभी मार पीट नहीं हो सकती। “न भूतो न भविष्यति।“
अंत में मै सीर्फ ईतना ही कहुँगा,
      'एको देवः सर्वर्भूतेषु गूढः  सर्वव्यापी सर्व भूतान्तरात्मा 
कर्माध्यक्षः सर्व भूताधिवासः साक्षी चेता केवलः निर्गुणश्च'

अर्थात, सभी प्राणियों में स्थित ईश्वर एक है, वह सर्व व्यापक. समस्त भूतों का अंतरात्मा, कर्मों का अधिष्ठाता, समस्त प्राणियों में बसा हुआ साक्षी, परम चैतन्य, परम शुद्ध और निर्गुण है।

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