गुरुवार, 26 जनवरी 2012

हमारे धर्म-ध्वज

भगवा ध्वज

लोग किसी कारणवश राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गुरु दो त्रिकोण वाले भगवा ध्वज को मंदिर के ऊपर लगा देते है| जब की वास्तविकता कुछ और ही है| इसके लिए हमें भगवा ध्वज का इतिहास जानना चाहिए| भगवा रंग त्याग, शौर्य और सहनशीलता का प्रतिक है| भारत में यह ध्वज कई सदियो से युद्धो में, संन्यासी के वस्त्र में, राष्ट्र के लिए कार्य, मोर्चे निकालने और घर्म-रक्षा में उपयोग किया जाता है| इसके दो त्रिकोण जब हवा में फहराते है, तब हमें सूर्य जैसी शक्ति और सामर्थ्य रखने की प्रेरणा देता है| यह ध्वज छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा स्थापित मराठा साम्राज्य का राजध्वज हुआ करता था|

यहाँ मै कुछ और ध्वज के बारे में लिखुंगा, जो सिर्फ भारत में बने है|

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग
हिंदु मंदिरों पर ध्वज




हिन्दू धर्म:-
यह सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के ऊपर लगा ध्वज है| जो एक ही त्रिकोण पर होता है और पूरी तरह से भगवा नहीं होता| इस ध्वज में ओमकार या स्वस्तिक की आकृति रहती है| कभी कभी डमरू, त्रिशूल आदी भी रहते है| यह ध्वज अधिकतर ज्यादा लालाश वाले केसरी रंग होते है| कुछ शिवमंदिरो के ध्वज सफ़ेद रहते है| संत के मंदिरों के ध्वज में पीलापन वाला भगवा रहता है| कुछ देवी मंदिर में हरा ध्वज भी रहता है|

शीख धर्म:-
शीख धर्म
इस ध्वज का रंग ज्यादातर हिंदु ध्वज के जैसा ही होता है, लेकिन इसका आकार त्रिकोण नहीं होता और बिच में खालसा पंथ का संकेत लगा रहता है|

जैन धर्म:-
जैन धर्म
पांच पट्टों का मिश्रण उपर से लाल, पीला, सफ़ेद, हरा और नीला| बीच में केसरी स्वस्तिक के ऊपर चिह्न|

बौद्ध धर्म:-
बौद्ध धर्म
इसमें छह उर्ध्वाकार(खड़े) पट्टे होते है| दाहिना पट्टा फिर से पांच पट्टों में विभाजित होता है| बाए से नीला, पीला, लाल, सफ़ेद और केसरी होता है| दाहिनी पट्टी में उपर से यही क्रम रहता है|

भारतीय संवैधानिक ध्वज (तिरंगा):-
तिरंगा ध्वज
राष्ट्रधर्म से बड़ा कोई धर्म नहीं होता| तिरंगा ध्वज के तीन पट्टे में उपर केसरी वीरता का, बीच में सफ़ेद शांति का और नीचे हरा समृद्धी का प्रतिक है| बीच में विद्यमान अशोकचक्र में चौबीस रेखाए होती है| जो चौबीस घंटे कार्यरत रहने की प्रेरणा देता है|

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